मुगल शासक बाबर के बारे में पूरी जानकारी- History of babar in hindi

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About babar in Hindi: बाबर भारत के सबसे बड़े राजवंश मुग़ल वंश का संस्थापक था जिसका जन्म 14 फरवरी 1483 को हुआ था. बाबर को मुख्य रूप से एक मुग़ल सम्राट के रुप में जाना जाता है. बाबर ने भारत पर आक्रमण करने ने बाद दिल्ली की गद्दी हासिल करने में सफल रहा और उसके साम्राज्य ने भारत में 300 वर्षों तक शासन.किया. बता दें कि बाबर का की मृत्यु 26 दिसंबर को 1530 में 48 वर्ष की उम्र में हो गई थी.

Information About babar in Hindi

दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं कि बहुत सी परीक्षा में बाबर या मुग़ल वंश से सम्बंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं. यह लेख उन दोनों तरह के लोगों के लिए काम आयेगा जो बाबर के बारे में जानना चाहते हैं और जो परीक्षा के लिए पढ़ाई कर रहें हैं. इस लेख में हम बाबर से जुडी दस बाते बताने जा रहें जो आपको पता होना चाहिए और इन्ही तथ्यों से किसी भी परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते हैं. तो आइये जानते हैं बाबर के बारे में 15 तथ्य.

बाबर का इतिहास- History of babar in hindi

  1. बाबर का जन्म 14 फरवरी 1483 को मध्य एशिया में स्थित उज़्बेकिस्तान में हुआ था था.
  2. बाबर का वास्तविक नाम ज़हीर-उद-दीन मुहम्मद बाबर था और उसका नाम फ़ारसी शब्द ‘बबर’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है टाइगर होता है.
  3. मुग़ल वंश का संस्थापक बाबर तुर्क-मंगोल विजेता तैमूर के प्रत्यक्ष वंशज उमर शेख मिर्जा का सबसे बड़ा बेटा था. बता दें कि बाबर की एशिया के विजेता चंगेज खान की सीधी वंशज थीं.
  4. बाबर ने 1495 में 12 वर्ष की उम्र में 1495 में फरगाना (जो अब उज्बेकिस्तान में है ) का सिंहासन संभाला. इसके बाद उसने काबुल पर विजय प्राप्त की थी, जो कि मध्य एशिया में एक महत्वपूर्ण गढ़ था.
  5. बाबर को भारत में आक्रमण करने का न्योता 1524 में बाबर को लोदी वंश के विद्रोही दौलत खान लोदी ने दिय था. उसने बाबर को उत्तर भारत पर आक्रमण करने, राजपूताने में वंश और उनके दुश्मनों से लड़ने के लिए आमंत्रित किया था.
  6. इसके बाद 1526 में, बाबर ने लोदी राजा इब्राहिम लोदी के खिलाफ पानीपत था युद्ध लड़ा जिसमे उसे जीत हासिल हुई. इब्राहिम लोदी से जीत के बाद बाबर ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया और उत्तर भारत के सबसे महान राजवंश – मुगल साम्राज्य की स्थापना की.
  7. 16 मार्च, 1527 को बाबर ने राजपूत नरेश राणा सांगा के साथ ‘खानवा का युद्ध’ लड़ा गया था, जिसमे उसने राणा सांगा को भी हराया. इस युद्ध के बाद राजपुताना, मुगलों का एक अधीनस्थ सहयोगी बन गया. खानवा के युद्ध में जीत हासिल करने के बाद बाबर को गाजी की उपाधि दी गई थी.
  8. इसके बाद 29 मार्च 1528 ई में मेदनी राय और बाबर के बीच चंदेरी का युद्ध हुआ, जिसमें फिर से बाबर की जीत हुई.
  9. चंदेरी युद्ध में जीत हासिल करने के बाद बाबर ने 6 मई 1529 ई में अफगानों को घाघरा के युद्ध में परास्त किया था. इस युद्ध की सबसे खास बात यह थी कि यह युद्ध जल व थल दोनों पर लड़ा गया था. घख्रा के युद्ध में अफगानों का नेतृत्व महमूद लोदी था. यह बाबर की अंतिम लड़ाई थी. घाघरा के युद्ध में बंगाल के शासक नुसरतशाह ने अफगानों की सहायता की थी. इस युद्ध में भी बाबर कीई जीत हुई थी.
  10. पानीपत के प्रथम युद्ध बाबर ने पहली बार तुगल्लमा नीति का उपयोग दिया था. पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर की सेना में उस्ताद अली और मुस्तफा बाबर के दो निशानेबाज थे.
  11. भारत पर विजय पर बाबर ने हर क़ाबुल निवासी को एक-एक चांदी का सिक्का उपहार में दिया था. बाबर की इस उदारता के लिए उसे ‘कलन्दर’ की उपाधि दी गई थी.
  12. बाबर की मृत्यु 27 सितंबर में 1530 ई को 48 साल की उम्र में आगरा में हुई थी. बता दें कि पहले बाबर के शव को आगरा के आरामबाग में दफनाया गया, लेकिन बाद में उसे उसके द्वारा चुने गए स्थान पर काबुल में दफनाया गया, जहां उसका मकबरा बना हुआ है.
  13. उसकी मृत्यु के बाद उसका ज्येष्ठ पुत्र हुमायूं मुग़ल वंश का अगला शासक बना.
  14. बाबर मुगल वंश का एक ऐसा शासक था जिसने अपनी आत्मकथा ‘बाबरनामे’ की रचना की थी, जिसका अनुवाद बाद में “अब्दुल रहीम खानखाना” ने किया. अकबर ने अब्‍दुल्‍ला रहीम, जिसे अब्‍दुल रहीम ‘खानखाना’ के नाम से जाना जाता था, को बाबरनामा का पर्सियन (फारसी) भाषा में अनुवाद करने की जिम्मेदारी सौपी थी. अब्‍दुल रहीम ‘खानखाना युगतई, उर्दू और पर्सियन भाषाओं का अच्‍छा ज्ञाता था.
  15. आज भी बाबर को उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान में एक राष्ट्रीय नायक माना जाता है.

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