नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 क्या है- What is Citizenship Amendment Bill in Hindi

nagrikta sanshodhan bill 2019 in hindi: नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill in Hindi) 2019 पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले 6 समुदायों हिंदू, बौद्ध, सिख, ईसाई, जैन और पारसीसे अवैध शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना चाहता है। इसके अलावा नागरिकता संशोधन विधेयक इस बात का उल्लेख में करता है कि अवैध प्रवासियों को विदेशी अधिनियम, 1946 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 के तहत कैद या निर्वासित किया जा सकता है। इन दोनों अधिनियम भारत के भीतर विदेशियों के प्रवेश, निकास और निवास की जांच करने के लिए केंद्र सरकार को सशक्त बनाते हैं।

भारतीय नागरिकता के लिए कट-ऑफ की तारीख– nagrikta sanshodhan adhiniyam cut off Date in Hindi

Citizenship Amendment Bill in Hindi: भारतीय नागरिकता के लिए कट-ऑफ तारीख 31 दिसंबर, 2014 है, जिसका मतलब यह है कि जो भी लोग इस तारीख को या उससे पहले भारत में घुसपैठ की थी उन्ही को भारत की नागरिकता दी जाएगी। लेकिन घुसपैठियों उन लोगों को माना जाता है जो लोग अपने देश में धर्म पर उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने के लिए आए थे।

नागरिकता संशोधन विधेयक 1955 क्या कहता है?– nagrikta sanshodhan bill kya hai

नागरिकता संशोधन विधेयक 1955 में भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए 5 शर्ते हैं।

  • जन्म से नागरिकता
  • डिसेंट द्वारा नागरिकता
  • पंजीकरण द्वारा नागरिकता
  • प्राकृतिकिकरण द्वारा नागरिकता
  • क्षेत्र के निगमन द्वारा नागरिकता

नागरिकता संशोधन विधेयक, 1955 ने स्वाभाविक रूप से भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए कम से कम 11 वर्षों तक भारत में रहना अनिवार्य किया था, जिसे बाद में घटाकर 6 वर्ष कर दिया गया, लेकिन अब नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 में यह अवधि घटकर 5 वर्ष कर दी गई है।

नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के प्रमुख बिंदु- nagrikta sanshodhan bill Important points in Hindi

नागरिकता अधिनियम (Citizenship Amendment) 1955 के तहत किसी व्यक्ति को ओसीआई कार्ड दिया जा सकता है, यदि वह भारतीय मूल का है। मतलब अगर वो भारत का एक पूर्व नागरिक या उनका वंशज भारत का नागरिक था। अब 2019 का अधिनियम OCI कार्डधारक को भारत में यात्रा करने, काम करने और देश में पढाई करने की सुविधा भी प्राप्त करता है।

नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 कहता है कि OCI कार्डधारकों की नागरिकता इन 5 आधारों पर रद्द की जा सकती है।

  1. भारत के संविधान के प्रति अप्रभाव दिखाना
  2. धोखाधड़ी करके पंजीकरण करने पर
  3. युद्ध के दौरान दुश्मन से उलझना
  4. भारत की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाना
  5. ओसीआई के रूप में पंजीकरण के पांच साल के भीतर दो साल या उससे अधिक की कैद की सजा होने पर।

लेकिन अब नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 ने रद्द करने के एक और आधार को जोड़ा है जो यह है कि अगर OCI कार्डधारक भारत में किसी भी  कानून का उल्लंघन करता है तो ऐसी में उसकी नागरिकता रद्द कर दी जाएगी।

नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 नागरिकता प्राप्त करने के लिए नियम- Rules of Citizenship Amendment Bill in Hindi

  1. ऐसे व्यक्तियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश किया है।
  2. अवैध प्रवासियों या नागरिकता से संबंधित उनके खिलाफ सभी कानूनी कार्यवाही बंद हो जाएगी।
  3. इस बिल का लाभ असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों के अवैध प्रवासियों को नहीं मिलेगा।
  4. नागरिकता संशोधन अधिनियम 2016 ने प्रावधान किया कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अवैध प्रवासियों हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाई धर्म के लोगों को प्राकृतिककरण के माध्यम भारत में कम से कम 6 साल या उससे पहले से रहना चाहिए।
  5. लेकिन नागरिकता (संशोधन) विधेयक बिल 2019 इस अवधि को 6 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया है।

नागरिकता संशोधन विधेयक बिल का भारत में इतना विरोध क्यों किया जा रहा है?

नागरिकता संशोधन विधेयक बिलका  विरोध किया जा रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान इन 3 देशों से मुस्लिम समुदाय के अवैध प्रवासियों को नागरिकता नहीं देता है। इसकी आलोचना के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है।

अब तो आप जान ही गए होंगे कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (nagrikta sanshodhan adhiniyam) 2019 में ऐसे प्रावधान हैं जो 3 देशों के अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है। हालांकि, कुछ लोग यह तर्क दे रहे हैं कि यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है क्योंकि अनुच्छेद 14 केवल जाति, धर्म, लिंग और स्थान आदि के आधार पर किसी के साथ भेदभाव का विरोध करता है।

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